आज़म खान को किस बात का ख़ौफ़ है? उत्तर प्रदेश के दबंग, बाहुबली नेताओंमें आज़म खान का भी नाम शुमार है। लेकिन, उनकी ख़ासियत रही है बदजुबानी। रामपुर से पूर्व विधायक आज़म खान के खिलाफ अस्सी से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।इनमें जबरन भूमि हथियाना और आपराधिक धमकियां जैसे मामले शामिल हैं।
(इंडिया इनपुट ब्यूरो)
हालही में रामपुर नगर परिषद के अध्यक्ष चुनाव के दौरान प्रचार सभा में आज़म खान ने कुछ इस तरह से कहा, ” जिंदगी का बदला बेहद कठोर होता है, देखा जा सकता है, कि राजीव गाँधी जिनके सबसे ज्यादा सांसद थे उनके शरीर का एक हिस्सा भी (चीथड़े) नहीं मिला था।संजय गाँधी जैसे लोग हवा में उड़ते हैं लेकिन उनके टुकड़े मिलते हैं। जिंदगी का यही निजाम है। जब अच्छे लोग नहीं रहते हैं तो बुरे लोग कैसे रहेंगे?”
आज़म खान किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं, उनके शब्दोंका चयन देखिये। हालही में उन्होंने कहा,“जो लोग विकास की बातें करते हैं उन्हें तो अपनी जुबान काट कर फेंक देनी चाहिए।”
आज़म खान का लोकसभा में बेहद भद्दा और घटिया बयान।
समाजवादी पार्टी के रामपुर से नेता आज़म खान अपने बेहद बिगड़े बोलों के लिए जानें जाते हैं।
लेकिन, अपनी भद्दी बयानबाजी उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा को भी नहीं छोड़ा। लोकसभा में पीठासीन महिला सांसद रमा देवी से कभी उन्होंने कहा था, “मैं तो आप को इतना देखूं कि आप मुझसे कहो कि नजर हटा लो। आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं, इतनी प्यारी लगती हैं कि मैं आपकी आँखोंमें आँखें डाले रहूँ ये मेरा मन करता है ! मैं तो कभी नज़र ना हटाऊँ आप से।”
बाद में उन्होंने पीठासीन महिला को अपनी बहन बता कर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी। गौरतलब बात ये, कि सपा के नेता अखिलेश यादव ने आजम खान की बदजुबानी का बचाव करने की कोशिश की थी और उन्हें बद्तमीज कहे जाने पर आपत्ति जताई थी।
कलेक्टर को नौकर बताया था।
आज़म खान के बिगड़े बोल खूब व्हायरल हो रहे हैं। जिलाधीश अर्थात कलेक्टर को भी अपना नौकर बतानेवाले आज़म खान एक क्लिप में किसी जनसभा में सार्वजनिक तौरपर बोलते दिखते हैं कि , “ये कलेक्टर पलेक्टर से ना डरियो। ये कलेक्टर वगैरे क्या हैं.. सब तनखैया हैं (तनख्वाह ले कर गुजारा चलाने वाले ).. इन से नहीं डरते.. इन से तो जूते साफ़ करवाऊँगा अगर उपरवाले ने चाहा तो।.”
ये वही आज़म खान हैं जिन्होंने बेहद घटिया तरीकेसे सार्वजनिक सभा में अभिनेत्री, पूर्व समाजवादी पार्टी नेता और सांसद जया प्रदा के विषय में अपमानजनक टिपण्णी की थी और उनके अन्तर्वस्त्रोंके रंग के बारेमें बात की थी।
“पूछलो आज़म खान से बाहर निकलना है या…”
एक भाषण में उन्होंने कहा था कि, “मैं पिछली चार सरकारोंमें मंत्री था। यदि मैंने अपनी पॉवर का ऐसे इस्तेमाल किया होता तो बच्चा माँ के पेट से पैदा होने से पहले पूछता, कि पूछलो आजम खान से बाहर निकलना है या नहीं !” इस बयान के खिलाफ एक मुस्लिम महिला की शिकायत पर आज़म पर मामला भी दर्ज हुआ।
ये वही समय था जब उनके बिगड़े बोल और ऊँची बयानबाजी अखबारोंमें खूब सुर्खियां बटोरती थी। टीवी पर बहस के दौरान उनपर चर्चाएं भी खूब होती है।
एक सनसनीखेज मामला ४०० साल पुरानी धार्मिक किताबोंका भी है जो एक शिक्षा संस्थान से चोरी हो गयी थीं। वर्ष २०२२ के सितम्बर माह में जब ये किताबें मिलीं तो सब हैरान हो गए थे। आज़म खान द्वारा स्थापित और संचालित जौहर युनिवर्सिटी में ये किताबें मिली थी। उन्हें दीवार में चुनवा दिया गया था।
अब आज़म खानपर भी ख़ौफ़ का साया।
आज़म खान का विवादित बयानोंसे पुराना रिश्ता रहा है। इन्हींके चलते सजा होने पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी ऐसे ही हालत में विधानसभा सदस्यता चली गई है।लम्बी बिमारी के बाद भी आज़म खान के बिगड़े बोलोंमें कोई सुधार नहीं हुआ है। हालांकि, अब हालात बदले भी हैं।
अब तक सारी उम्र बाहुबली के तौरपर गुजार चुके आज़म खान को इन दिनों ख़ौफ़ का साया सता रहा है। अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ़ की पुलिस हिरासत में हमलावरोंद्वारा ह्त्या के बाद से अब आज़म को भी अपनी और अपने बच्चोंकी सुरक्षा का डर सता रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने राज्य के सत्ताधारियोंसे कहा,“आप मुझसे और मेरे बच्चोंसे क्या चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं कि कोई भी आये और हमारे सर पर गोली मार दे? अब यही बचा है। “