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छठ महापर्व: दिव्य आस्था का महासागर,आस्था, स्वच्छता का महासंगम।

सूर्य देव और प्रकृति के प्रति, मानव का सबसे पवित्र प्रण है महापर्व छठ...

 छठ महापर्व: आस्था, एहसास, समर्पण और त्याग का संगम है। यह मात्र पूजा नहीं, बल्कि सूर्य देव और प्रकृति के प्रति मानव का सबसे पवित्र प्रण है। आत्मा की निर्मलता और कृतज्ञता का यह उत्सव, हर अर्घ्य से जीवन में प्रकाश, सत्य और संतुलन का दिव्य संदेश देता है।

 

http://indiainput.com मुख्य संपादक डॉ. नम्रता मिश्रा तिवारी द्वारा ।

 

छठ महापर्व, सूर्य उपासना का वह महान पर्व है, जो केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और साफ-सफाई के महत्व को भी दर्शाता है। यह पर्व भारतीय संस्कृति की उन अमूल्य धरोहरों में से एक है, जहाँ उगते और डूबते, दोनों ही सूर्य को अर्घ्य देकर जीवन और ऊर्जा के स्रोत के प्रति आभार प्रकट किया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की महिमा अपार है, जिसमें ‘नहाय खाय’ से लेकर ‘खरना’ और फिर संध्या एवं उषाकालीन अर्घ्य तक, हर विधान में एक अद्भुत सात्विकता और शुचिता का वास है।

 

— Jaya Dixit (@JayaDix31219634) October 25, 2025

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छठ पर्व का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इसकी पूजा हमेशा नदियों, तालाबों या अन्य जल स्रोतों के किनारे की जाती है। यही कारण है कि इस महापर्व के आगमन के साथ ही स्वच्छता एक बड़ा मुद्दा बन जाती है, विशेषकर दिल्ली जैसे महानगरों में। दिल्ली में छठ पूजा के दौरान यमुना नदी की सफाई एक महत्वपूर्ण कार्य बन जाता है, क्योंकि हजारों श्रद्धालु यहाँ अर्घ्य देने आते हैं।

 

— East Central Railway (@ECRlyHJP) October 25, 2025

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इस महापर्व का एक और बड़ा सामाजिक आयाम है – अपनों से मिलने की ललक। छठ मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का पर्व होने के कारण, देश के अन्य हिस्सों, खासकर मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों में रहने वाले लाखों लोग इस समय अपने घर और गाँव लौटना चाहते हैं। इन लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, भारतीय रेल हर साल की तरह इस बार भी विशेष भूमिका निभा रही है।

 

— The Bihar (@thebiharoffice) October 25, 2025

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इस वर्ष, दिल्ली प्रशासन ने यमुना की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाए हैं ताकि पर्व के दौरान नदी का किनारा स्वच्छ और सुरक्षित रहे। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि पर्यावरण और पवित्रता एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। हालांकि, यमुना की पूर्ण और स्थायी स्वच्छता एक लंबी प्रक्रिया है जिसके लिए निरंतर और बड़े प्रयासों की आवश्यकता है, पर छठ के लिए यह विशेष ध्यान निश्चित रूप से सराहनीय है।

 

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भारतीय रेल ने इस भारी भीड़ को देखते हुए, ‘छठ स्पेशल ट्रेनें’ चलाने की पहल की है। ये अतिरिक्त ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों से पूर्वी भारत के मुख्य गंतव्यों के लिए चलाई जाती हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के साथ यह पवित्र पर्व मनाने से वंचित न रह जाए।

 

भारतीय रेल का यह योगदान केवल परिवहन तक सीमित नहीं है; यह एक सामाजिक सेतु का काम करता है, जो आस्था और परिवार के मिलन को सुनिश्चित करता है। इन विशेष ट्रेनों का परिचालन एक जटिल लॉजिस्टिक्स का कार्य है, जिसे रेलवे हर साल सफलतापूर्वक अंजाम देता है, जिससे लाखों यात्रियों को सुविधा और सुरक्षा मिलती है।

 

 

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छठ महापर्व बिहार के लोगों के लिए सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि पहचान है। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा और सबसे पवित्र पर्व माना जाता है।

 

— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2025

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यह अत्यंत दुखद और हृदय विदारक संयोग था कि पिछले वर्ष (2024 में), बिहार की ‘स्वर कोकिला’ और लोक संगीत की महान गायिका, शारदा सिन्हा जी का निधन छठ महापर्व के आरंभ होने के ठीक पहले दिन हुआ था।

 

शारदा सिन्हा जी स्वयं सूर्य देव और छठ मैया की परम भक्त थीं। उनके द्वारा गाए गए छठ गीत, जैसे “केलवा के पात पर” और “पहिले पहिल हम कइनी छठी मैया व्रत”, आज भी इस पर्व की आत्मा माने जाते हैं। उनके इन अमर गीतों के बिना छठ पूजा की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

 

— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2025

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उनके लाखों प्रशंसकों के लिए, छठ के दिनों में उनकी अनुपस्थिति और उनके गीतों की गूँज एक अद्वितीय और गहन आध्यात्मिक जुड़ाव का एहसास कराती है।

छठ महापर्व की हार्दिक बधाई।।

 

SOURCE : http://x.com

http://narendramodi.in

https://state.bihar.gov.in › yac

 

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