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नाईट ड्राइविंग के लिए आपका साथी: ए. एस. ए. डी.!

नींद की झपकी लगते ही आपको सतर्क करने आ रहा है-एंटी स्लीप अलार्म डिवाइस!

नाईट ड्राइविंग एक बडा चॅलेंज हो जाता है, जब ड्राइव्हर को नींद संताने लगे! इस से दुर्घटनायें भी होती हैं! ३२ वर्षीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियर गौरव का दावा है, आपको नींद की झपकी लगी तो आपका सर स्टीयरिंग की ओर झुकता है, करीब ३० डिग्री से ।  ऐसे में अलार्म और व्हायब्रेशन्स के जरिये फौरन आपको सतर्क करता है यह डिवाइस। और  यह डिवाइस मिलेगा इतनी कम कीमत में,  कि कोई भी खरीद सके।  क्योंकि, हर जान अमूल्य है।

इंडिया इनपुट डेस्क। 

यदि आप नाईट ड्राइविंग कर रहे हैं तो सुरक्षित चलने के लिए सबसे पहले आप को नींद से बचना होता है।  इस लिए कई ड्राइवर्स रात को रास्ते में रुक रुक कर चाय पीना, मुंह पर बार बार पानी का छिड़काव करना  ऐसे हथकंडे आजमाते हैं। फिर भी रात की अधिकतर सड़क दुर्घटनाएँ दो बजे से चार बजे तक होती है, जब कई ड्राइवर्स को नींद बेकाबू हो जाती है और एक दो पल के लिए सावधानी हटने से जीवित या वित्त हानि हो जाती है। यह भी देखा गया है, कि  कई मंजे हुए ड्राइवर्स जो वर्षोंसे रात की ड्राइविंग सफलता पूर्वक करते रहे हैं वे भी किसी रात, एक अंजान पल में सावधानी हटनेसे दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इसके लिए सुरक्षित तरीका यही है, कि जहां तक संभव हो रात की ड्राइविंग टाली जाए । लेकिन, यदि कभी रात की ड्राइविंग बेहद अनिवार्य हो जाए तो क्या करें?

क्या है  ‘ए एस ए डी’ ?

युवा इंजीनियर और वैज्ञानिक गौरव सव्वालाखे का दावा है, कि नाईट ड्रायविंग की समस्यापर दो वर्षोंके रिसर्च के बाद उन्होंने हल ढून्ढ निकाला है।

नाईट ड्राइविंग

यह है एक एंटी स्लीप अलार्म डिवाइस। संक्षेप में ‘ए एस ए डी’ । एक ऐसा डिवाइस जो देखने में आपके मोबाइल फ़ोन के  ‘ब्लू टूथ’ डिवाइस जैसा है लेकिन, गौरव का दावा है कि यह आपको सम्भाव्य दुर्घटना से बचा सकता है, आपकी जान बचा सकता है।  आपको यदि नाइट ड्राइविंग करना पड़  रहा है, आप कोई कार या एस यू व्ही  चला रहे हैं, कोई ट्रांसपोर्ट ट्रक हो या कोई नाईट ट्रेवल वाली बस, तो आपको कान के पीछे ठीक ब्लू टूथ डिवाइस की तरह इसे पहनना है।

गौरव बताते हैं,

‘मैं २०१९ में  स्वयं ड्राइव करता हुआ नेपाल गया था। तब एक रात ड्राइविंग के दौरान  रात के तीन से चार बजे के बीच मुझे यकायक नींद की झपकी महसूस हुई और कुछ ही पलोंमें मैंने देखा, कि  मेरी गाडी सड़क से किनारे उतर आई थी। मैं भाग्यशाली था, कि मुझे चोंट तक नहीं आई।  लेकिन, इस घटना ने मुझे सोचने पर विवश कर दिया। और आज मेरे पास एक सफल प्रोटो-टाइप तैयार है।’

कैसे काम करता  है, ‘ए एस ए डी’ ?

इस सवाल पर गौरव कुछ ऐसे समझाते हैं, ‘देखिए ,नाईट ड्राइविंग करते समय, कई बार कुछ लोग अपने बाजू वाली सीट पर किसी सतर्क और जागरूक साथी को बैठने कहते हैं। यह दोस्त आप से बातें करता है, आपको जगाये रखता है और आप पर नजर बनाये रखता है। आपको नींद की झपकी आने लगे तो आपको सावध करता है।  लेकिन, यदि नाईट ड्राइविंग करते समय आपके पास ऐसा भरोसे मंद साथी ना हो तो क्या करेंगे? और यदि है भी, और आपके पहले वह भरोसेमंद  साथी  खुद ही नींद की  झपकियां लेने लगे तब बताइएगा आप क्या किजियेगा? अब हम नाईट ड्राइविंग करते समय नींद की झपकियोंकी मैकेनिज्म को समझेंगे।  आपको नींद की झपकी आने लगे तो  काफी संभावना होती है, कि आपका सर  नीचे स्टीयरिंग व्हील की तरफ झुकेगा।’

नाईट ड्राइविंग
स्टीयरिंग व्हिलपर गौरव । दाहिने कान के पीछे डिवाइस।

‘आम तौर पर यह झुकाव ड्राइविंग के समय लगनेवाले  किसी सामान्य झटके  के समय जितना झुकाव होता है उस से अधिक होता है। आम तौरपर यह झुकाव ३० डिग्री या उस से अधिक होता है। नींद की झपकी, सर का झुकाव और  इसके बाद का घटनाक्रम, सब कुछ इतने पलक झपकते होता है, कि आप समझ भी नहीं पाते।  हो सकता है, आपको नींद आरही है, लेकिन आप समझ नहीं पा रहे हैं, और वाहन चलाते जा रहे हैं। ऐसे में यदि आपका सर ३० डिग्री से स्टीयरिंग व्हील की ओर झुकता है तो वैसे झुकते ही हमारा सिस्टम एक जागरूक दोस्त की भाँती आपको सतर्क -सावध कर देता है। यदि गलती से भी आपको नींद की झपकी आये और आपका सर निचे की और झुके तो फौरन आपके कान के पास ८५ डेसीबल का सायरन या अलार्म बज उठता है। साथ में यह डिवाइस व्हायब्रेशन्स भी क्रिएट करता है। यह सब इतने जल्द और सुनियोजित ढंगसे होता है, कि  आप सतर्क हो जाते हैं। सम्भाव्य दुर्घटना को टालने के लिए यह काफी उपयोगी है।’

इस  एंटी स्लीप अलार्म डिवाइसमें एक  सेंसर, ३.६ वाल्ट की  बॅटरी, बजर  और  व्हायब्रेटर का उपयोग किया गया है।

नाईट ड्राइविंग के लिये कब आएगा ये डिवाइस ?

एक अच्छी खबर और है । गौरव इस डिवाइस का मास प्रोडक्शन मार्च २०२२ में शुरू करने जा रहे हैं।

नाईट ड्राइविंग
गौरव सव्वालाखे।

गौरव आगे इसका पेटंट लेना चाहते हैं लेकिन, उन्होंने अब तक इसका पेटंट नहीं लिया है। क्या उन्हें कॉम्पिटिशन और  तकनीक चुराई जानेका ड़र नहीं लगता ?

गौरव का कहना है, ‘नहीं सर, मैं निश्चिंत हूँ, आप भी  निश्चिंत रहिये। मैं इसे सिर्फ ३५० रुपयोंमें उपलब्ध करा रहा हूँ।  कॉपी करनेवाले क्या इतने कम दाम में और नाममात्र मुनाफे के लिए बेच सकेंगे?  नहीं बेच सकेंगे।  लेकिन, मेरे लिए सबसे बड़ी बात यह है कि मुझपर विश्वास रख कर जो इसे खरीदेंगे मुझे उनकी जान की चिंता करनी है।  मैं चाहता हूँ यह डिवाइस एक आम ट्रक या बस ड्राइवर भी आसानी से खरीद सके ताकि वह काम के बाद अपने बच्चोंके पास सुरक्षित लौट सके।’

३२ वर्षीय गौरव सव्वालाखे एक साधारण परिवार से हैं । उनके पिता की किराना दुकान है । गौरव  इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलेकम्युनिकेशन्स में डिप्लोमा इंजिनीयर हैं। इंजिनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के पूर्व से ही गौरव दैनंदिन जीवन की आवश्यकताओं और समस्याओंको सुलझाने के लिए नई नई खोजें करते रहे हैं। उन्होंने जीपीएस ट्रेकिंग आयडी कार्ड, ब्लू टूथ युक्त हेलमेट, दृष्टि हीन दिव्यांग की चलने में सहायता हेतु स्मार्ट केन, मोबाइल फ़ोन हेतु अँण्टी रेडिएशन स्ट्रिप, सायरन अलार्म लॉक, मोबाइल कंट्रोल ड्रोन आदी आविष्कार किए हैं।

(all images: Gaurav Sawwalakhe)

 Gaurav Sawwalakhe can be contacted via WhatsApp on: 8149784017

Editor India Input

I am a senior journalist. Have reported and edited in print, tv & web, in English, Hindi & Marathi for almost three decades. Passionate about extraordinary positive works by people like you and me.

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