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गैंगस्टर्स को गोली! इस बार पुलिस हिरासत में!
यू पी से गोलियोंकी खबरें! गोलियां गैंगस्टर्स, गुण्डोंकी और पुलिस की! यू पी में पुलिस के हत्थे चढ़ता गुंडातंत्र! केवल 2200 दिनोंमें, 183 गैंगस्टर्स हुए ढेर, दस हजार से अधिक एनकाउंटर्स के चलते!
गैंगस्टर्स अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को यू पी पुलिस अपने साथ प्रयागराज में अस्पताल की ओर मेडिकल चेक अप के लिए ले जा रही थी। सामने मिडिया के कुछ लोगोंने उनसे सवालात किए। अतीक ने जवाब में कुछ शब्द ही बोले थे की अचानक तीन युवाओंने काफी नजदिकसे उनपर गोलियां चलाईं। यह घटना ही यह बताने के लिए पर्याप्त है कि उत्तर प्रदेश में अभी भी गैंगस्टर्स के मनसूबे कितने हावी हैं और क़ानून का राज बनाये रखने हेतु उन पर नकेल कसना कितना आवश्यक है। यह बात दिगर है, कि पिछले कुछ वर्षोंसे यू पी पुलिस ने एनकाउंटर के जरिये गैंगस्टर्स को काबू में लाने की लगातार कोशिशें की हैं।
(इंडिया इनपुट ब्यूरो)
गैंगस्टर्स अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को हमलावरोंद्वारा प्रयागराज में गोली मार दिए जाने की खबर आ रही है। पहले विधायक राजू पाल ह्त्या काण्ड के गवाह उमेश पाल की सरे आम हत्या हुई। फिर अतीक अहमद के बेटे असद की एनकाउंटर में हत्या हुई। इसके बाद स्वयं अतीक और उसके भाई अशरफ की तीन युवकोंद्वारा पुलिस गिरफ्त के दौरान गोली मार कर हत्या से एक बार फिर उत्तर प्रदेश की घटनाओंकी ओर सारे देश की नजर टिकी है।
अतीक और अशरफ की इस तरह हत्या के बाद कथित तौरपर पत्रकार के रूप में आये तीन लोगोंको हिरासत में लिया है। जानकार लोगोंका मानना है, कि इस वारदात के पीछे उत्तर प्रदेश का गैंगवॉर हो सकता है या किसी पूर्व घटना के प्रतिशोध की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। सनद रहे कि अतीक के नामपर करीब सौ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सूत्रोंके हवाले से यह भी सम्भावना जताई जा रही है, कि अतीक के पाकी ख़ुफ़िया एजेंसी आई एस आई और दाऊद गैंग से तार होने के सबूत सामने आ रहे थे ऐसे में अपने बाकी लोगोंके नाम खुलने के डर से देश विरोधी एजेंसियों ने इस काम को अंजाम दिलवाया हो ।
इस वारदात पर जांच के परिणाम आने में समय लग सकता है लेकिन, इस सत्य को भी भुलाया नहीं जा सकता, कि अतीक का दमखम स्वयं पुलिस हिरासत में होनेके बावजूद कायम था। बेटे के सदमें में वह रोता भी था और पुलिस को धमकाया भी करता था। उसके बेटे असद के एनकाउंटर के बाद उसने कथित तौरपर ये पूछा था, कि किसने उसके बेटे पर गोली चलाई ? और यह भी कहा था, कि उसे छूट कर बाहर आने दिया जाए तब वो दिखायेगा कि उसकी शक्ति क्या है!
गैंगस्टर्स की गोली बनाम पुलिस की गोली !
एक दूसरा और बड़ा सच यह भी है कि प्रदेश की जनता में गैंगस्टर्स के खिलाफ पुलिस द्वारा उठाये गए सख्त कदमोंसे राहत की लहर है।
अभी कुछ वर्षों पूर्व तक हिंसा और गुनाहों के वारदात में शीर्ष पर चल रहा उत्तर प्रदेश अब एनकाउंटर्स के लिए विख्यात हो चुका है। जानकार लोगोंका मानना है, कि पुलिस के साथ गैंगस्टर्स की मुठभेड़ के बढ़ते मामलोंसे एक ओर जहां असामाजिक तत्वोंमें डर और दहशत का आलम हैं वही आम जनता ने राहत की सांस ली है और इन घटनाओंका स्वागत किया जा रहा है । उधर, इन घटनाओंपर राजनैतिक दलों में खूब राजनीति जारी है ।
यूपी में अब धार्मिक जुलूसोंपर पत्थरबाजी करनेवाले, धार्मिक सौहार्द्र का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करनेवालोंके घरोंपर अतिक्रमण का मामला बनते ही बुलडोजर चला दिया जाता है । ऐसे सख्त कदमोंके चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ यह उपनाम प्रदेश की जनता और मीडिया द्वारा दिया गया है। इसी यू पी मॉडल को मध्य प्रदेश और आसाम के मुख्यमंत्रीयोने अपने अपने राज्योंमें अपनाकर लोकप्रियता भुनाने की कोशिश भी की है।
कुछ वर्ष पूर्वतक हिंसा और गुंडई के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश में गुंडोमें एनकाउंटर और बुलडोजर की दहशत ही अब यू पी की हकीकत बन चुकी है।आम नजारा यही है कि गुंडे और असामाजिक तत्व खुद पुलिस थानेमें आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं, अपनी हायतौबा कहते हुए पुलिस से स्वयं को लॉक अप में बंद करवाने की दरख्वास्त कर रहे हैं और बिनती केवल यह कर रहे हैं कि उनके घर पर बुलडोजर ना चलाया जाए और उनको गोली ना मार दी जाए। गाडी पलटने से लेकर दौड़ाकर एनकाउंटर के डर की बात कही जाती रही है। अपना असली नाम, परिचय और धार्मिक पहचान छिपाकर हिन्दू लडकियोंसे धोखाधड़ी के मामले जो काफी बढ़ गए थे, अब उनमें भी कुछ कमी देखी जा सकती है।
आंकड़े और जमीनी सच्चाई एक ही ओर इशारा कर रहे हैं । उत्तर प्रदेश में लगातार गैंगस्टर्स की पिछेहाट जारी है। जनता राहत की सांस ले रही है तो उधर प्रदेश के विपक्ष, खास तौरपर समाजवादी पार्टी के नेताओं में मातम का नज़ारा है। विपक्षी राजनेताओं द्वारा एनकाउंटर्स को धार्मिक रंग देकर सांप्रदायिकता का आड़ लेने की कोशिशें जारी हैं ।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता टीव्ही डिबेट्स में खुले आम बी जे पी सरकार पर केवल एक समाज के गुण्ड व्यक्तिओं के खिलाफ एनकाउंटर का इस्तेमाल होने का आरोप कर रहे हैं वहीं सपा के प्रमुख नेता अखिलेश यादव भी खुलकर ऐसी बातें कह रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय की ओरसे बुलडोजर के इस्तेमाल और एनकाउंटर की सूचीयाँ जाहिर की जा चुकी है। इन सूचियों से इन आरोपोंकी पोल खुल जाती है।
तटस्थ विचारोंवाले पत्रकार और सम्पादक भी यही कह रहे हैं कि गैंगस्टर वो चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम, उसके धर्म या जाती की ओर देखने के बजाय उसके खिलाफ जघन्य मामले तथा उससे समाज को सम्भाव्य खतरे का विचार होना चाहिए। वे केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के उस बयान की बात करते हैं जहां श्री शाह ने योगी राज के पांच वर्षोंमें अपराधोंकी संख्यामें आई भारी कमी का जिक्र किया था। श्री योगी आदित्यनाथ की सत्ता के प्रथम पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान डकैती और चोरी की घटनाओंमें ७० प्रतिशत और ६९.०३ प्रति शत कमी आई जबकि हत्या के मामलोंमें ३० प्रति शत कमी आयी है।
सच तो यह भी है कि जनवरी २०१९ में सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसी घटनाओंकी ओर गंभीर रूप से देखने की आवश्यकता जताई थी। उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग के मुखिया भी लगातार दोहराते रहे हैं कि उनके विभाग का काम अपराधियोंको पकड़ना है उनकी हत्या करना नहीं।
आंकड़ो में गैंगस्टर्स के एनकाउंटर्स !
विगत छः वर्षोंमे 183 नामचीन गैंगस्टर्स यूपी पुलिस की गोलियोंका शिकार हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि (मार्च, 2017 से अप्रैल, 2023 तक) पुलिस व बदमाशों के बीच 10,933 मुठभेड़ की वारदातें हुई जिनमें 183 कुख्यात अपराधी मारे गए और 23,348 पकड़े गए । इस कार्यकाल में अब तक पुलिस की गोली लगने से 5,046 बदमाश घायल हुए । मुठभेड़ के नतीजतन घायल हुए इन स्वयंघोषित और गुंडा तंत्र पोषित सूरमाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अब तक हुई इन मुठभेडोंके दौरान 13 पुलिस जवान शहीद और 1,443 पुलिसकर्मी घायल हुए।
इन मामलोंमे मेरठ शीर्ष पर है । इस जोन में सर्वाधिक 3,205 पुलिस मुठभेड़ में 64 अपराधी मारे गए हैं।