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Mandla art : निरुपमा की अद्भुत कलाकारी !

मिलिए, इस युवा कलाकार से..!

Mandla art मंडला आर्ट फॉर्म उन पारम्परिक भारतीय कला प्रकारों से एक है, जिसमें काफी बारीक और सूक्ष्म काम को मन लगाकर घंटों करना होता है. क्या नई पीढ़ी इन कला प्रकारों से दूर भाग रही है? यदि, आप भी ऐसा सोचते हैं, तो मिलिए निरुपमा से। 

 

Mandla Art Mandla Art Mandla art

 

मंडला आर्ट फॉर्म अर्थात भारत का ऐसा पारम्परिक कलाविष्कार जिसमें कला सूक्ष्म बारीकियाँ और खूबियों से निखार पाती है। इसे साकार करने सूक्ष्म कलाकारी और उस हेतु दिलचस्पी तथा मेहनत की आवश्यकता होती है.. अतः सामान्य तौर पर हमारे युवा इसमें दिलचस्पी लेते नहीं दिखते। लेकिन, इसी के चलते मंडला कलाकारी की मांग बढ़ रही है। हालांकि आज ऐसे कलाकार भी हैं, जो आज इंटरनेट के जरिये अपना काम प्रकाशित और प्रसारित भी कर रहे हैं और नाम और रुपये दोनों कमा रहे हैं। यहाँ आपके कलाविष्कार की मांग संभव है और अच्छा आर्थिक समर्थन भी।

 

Mandla art
निरुपमा, कलाकार, मंडला आर्ट फॉर्म।

 

इंडिया इनपुट के माध्यम से आपकी मुलाक़ात करवा रहे है, एक युवा कलाकार निरुपमा से। इनकी छोटी आयु के विपरीत इनके काम में मेहनत और प्रगल्भता दोनों का संगम दिखाई देता है।

 

Mandla art Mandla art

 

इंडिया इनपुट : आपकी मंडला आर्ट फॉर्म में रूचि कैसे हुई और आप कितने सालों से यह कर रहीं है।

निरुपमा : मैं ओड़िशा से हूं । अभी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में पढ़ाई चल रही है । पिछले एक साल से महाराष्ट्र में ही हूं । बचपन से ही मुझे कला में रूचि है । जब स्कूल में थी तब से ही बारीक पैटर्न वाली अलग अलग डिजाइन बनाना अच्छा लगता था , पर तब पता नहीं था कि इसका कोई खास नाम भी है । 2017 में मैंने पहली बार मंडला आर्ट फॉर्म का नाम सुना । उसके बाद मंडला आर्ट के बारे में ज्यादा जानने और अपने तरीके से उसमें प्रयोगशीलता में  दिलचस्पी हुई । 2020 का लॉकडाउन अच्छा वक्त था अपने आर्ट और रूचि को निखारने के लिए , तब से मंडला आर्ट पे ही ज्यादा ध्यान देती हूं । लगभग चार साल से यही कर रही हूं ।

 

इंडिया इनपुट : क्या आपको किसी आर्ट गैलरी ने संपर्क किया है या आप खुद किसी गैलरी से जुड़ी हुई हैं

निरुपमा : जी नहीं, अभी तक किसी आर्ट गैलरी ने मुझे संपर्क नहीं किया है और न ही मैं खुद किसी गैलरी से जुड़ी हुई हूँ ।

 

इंडिया इनपुट : इस आर्ट से नाम और आमदनी कैसे होती है? आजकल के यूथ को आप क्या सलाह देना चाहेंगी इस क्षेत्र में जो आने को इच्छुक हैं, आर्थिक सक्षमता और पहचान की दृष्टि से.

निरुपमा : यह सवाल मेरे खुद के मन में भी है । वर्तमान समय में इस सवाल का जवाब दे पाना जितना आसान है उतना मुश्किल भी क्योंकि मैंने कभी आर्ट को नाम या आमदनी के साथ जोड़ा नहीं है और न ही औपचारिक रूप से आर्ट में कोई प्रशिक्षा या पाठ्यक्रम किया है । हालांकि मेरे जीवन की पहली आमदनी आर्ट से ही हुई थी जब मुझे एक मैगज़ीन के लिए आर्ट करने का मौका मिला था, पर तब भी मुझे इस बारे में उतना ज्ञान नहीं था और अब भी नहीं है ।

Mandla Art Mandla art

 

आजकल के यूथ जो आर्थिक सक्षमता और पहचान की दृष्टि से इस क्षेत्र में आने को इच्छुक हैं, फ़िलहाल उनके लिए सलाह देने जितनी उम्र और अभिज्ञता, दोनों ही नहीं है मेरे पास । थोड़ी फिल्मी हूँ, इसलिए इस संदर्भ में 3 idiots फिल्म का एक संवाद ही याद आ रहा है अभी – “success के पीछे मत भागो, excellence का पीछा करो , success झक मार के तुम्हारे पीछे आएगी ।”

इंडिया इनपुट : आपकी मेहंदी आर्ट के बारे मे बताइए और इसकी विशेषता बताएँ..

निरुपमा : मेहंदी से एक अलग प्यार है मुझे । इसके साथ भी बचपन से ही रिश्ता है । किसी की शादी हो या कोई भी त्योहार हो, मेहंदी के बगैर अधूरा है । मैं मानती हूँ कि मेहंदी लगाने के लिए किसी खास दिन या त्योहार का इंतजार करने की जरुरत नहीं है, बल्कि साधारण दिन को भी मेहंदी लगाकर सेलिब्रेट किया जा सकता है । सिंपल या ब्राइडल मेहँदी के साथ साथ थीम बेस्ड और पोर्ट्रेट्स में प्रसिद्ध चेहरे बनाना पसंद है मुझे l मेरे हिसाब से, इसकी सबसे बड़ी और महत्व्पूर्ण विशेषता है लोगों में खुशियाँ बांटना । व्यक्तिगत रुप से मेरे लिए मेहंदी हमेशा से खास है और रहेगा भी, क्योंकि पिछले साल बैंगलोर में आयोजित Inter University National Youth Festival, 2023 की मेहंदी प्रतियोगिता में मुझे स्वर्ण पदक मिला था।

 

(Art works : Nirupama)

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