CANCER (कैंसर) को मारने का नया तरीका मिला: बड़ी उम्मीद!
nuutan.com के विशेषज्ञ द्वारा indiainput.com के पाठकों के लिए बेहद ख़ास खबर।
CANCER (कैंसर) को मारने का नया तरीका मिला है!
कैंसर की कोशिकाओं को समाप्त करने की दिशा में इन्सानियत ने लिया बड़ा कदम।
कैंसर विश्व भर में मृत्यु के बड़े कारणों में एक है। वर्ष 2020 में हर छह मानवी मौतों में एक कैंसर के चलते हुई थी। अर्थात, उस वर्ष दस मिलियन (एक करोड़) मृत्यु का अकेला कारण। इनमें अनुमानित करीब आठ लाख मौतें (7,70,230)भारत में हुई थीं। प्रती वर्ष ये आँकड़े बढ़ते जा रहे हैं।
किन्तु अब एक अच्छी खबर आयी है।
प्रस्तुत है, शिक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक अहम् वेबसाईट www.nuutan.com के विशेषज्ञ द्वारा यह ख़ास रिपोर्ट।
अमेरिका के ‘कैलिफोर्निया‘ में ‘यूसी डेविस कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर‘ के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी बात खोजी है। उन्होंने एक प्रोटीन ढूंढ़ा है जो कैंसर को मिटाने में मदद कर सकता है। आम बोलचाल की भाषा में, इस प्रोटीन को ‘किल-स्विच‘ नाम दिया गया है, क्योंकि यह एक स्विच की तरह काम कर सकता है, और कैंसर-सेल को खत्म करने का काम कर सकता है। मेडिकल की भाषा में, इसका नाम ‘सीडी-95’ रिसेप्टर है। रिसेप्टर एक प्रोटीन होता है जो ह्यूमन-सेल के अंदर मौजूद होता है। इस प्रोटीन में संकेतों को प्राप्त करने की, और उसे प्रसारित करने की क्षमता होती है। कैंसर को मारने वाले विशेष प्रोटीन ‘सीडी-95’ को ‘डेथ या फास रिसेप्टर्स’ भी कहा जाता है। जब इस प्रोटीन ‘सीडी-95’ रिसेप्टर को सक्रिय किया जाता है, तो यह एक कैंसर-सेल के लिए एक सिग्नल रिलीज़ करता है, जिससे कैंसर-सेल को अपने-आप नष्ट हो जाने का सिग्नल मिलता है।
यह खोज विशेष तौर से ‘नेचर‘ जर्नल में ‘सेल डेथ एंड डिफरेंशिएशन‘ नाम से प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में इस खोज से नई दवाएं विकसित की जा सकती हैं जो कैंसर के इलाज में और भी सफल हो सकती हैं।
अब तक, कैंसर के इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडिएशन का उपयोग होता है। कैंसर के इलाज में ‘इम्यून-बेस्ड थेरेपी’, जैसे कि ‘सीएआर (चिमरिक एंटीजन रिसेप्टर) टी-सेल थेरेपी‘, ने कुछ रोगियों के लिए सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। इस थेरेपी में रोगी की इम्यून-सिस्टम की शक्ति को बढ़ा कर उसे मजबूत किया जाता है, लेकिन सभी प्रकार के कैंसर के खिलाफ इसका प्रभाव कम है। हालांकि, खून के कैंसर के एक प्रकार, ‘ल्यूकेमिया स्पेक्ट्रम कैंसर‘, में ये थेरेपी सफलता से इलाज करती है।
‘सीएआर टी-सेल थेरेपी’ अभी महँगी है और ‘सॉलिड ट्यूमर्स‘ के इलाज में ये पूरी तरह से सफल नहीं है। लेकिन, इस नए खोज के बाद वैज्ञानिको को उम्मीद है की ‘सीएआर टी-सेल थेरेपी’, जो अभी केवल कुछ खास कैंसर के इलाज में कारगर है, ‘सॉलिड ट्यूमर’ के इलाज में भी ज्यादा कारगर हो सकेगा।
क्लिनिकल ट्रायल्स
वर्त्तमान में, कोई भी ‘सीडी-95‘ बढ़ाने वाली दवाएं क्लिनिकल ट्रायल्स में नहीं गईं हैं क्योंकि इस खोज में कुछ सीमाएँ थीं, जैसे कि क्लीनिकल परीक्षणों से बहुत अधिक डेटा नहीं था। अब कैंसर पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों को यह मौका मिला है, कि वे क्लिनिकल ट्रायल्स से मानव ट्यूमर सैंपल्स लेकर इन नई खोजों का नया विश्लेषण कर सकें।
(सौजन्य: https://www.nuutan.com)
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