EDUCATION में अब भारत के हर छात्र – छात्रा की डिजिटल पहचान होगी। भारत सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बदलाव लाते हुए ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी’ योजना की शुरुआत की है। हर छात्र – छात्रा को इस विषय में जानना आवश्यक है।
http://www.nuutan.com द्वारा प्रस्तुत इस लेख में, इस बारे में जानिए संक्षेप में।
EDUCATION क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव अर्थात NEP (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी – एनईपी 2020) के तहत, भारत सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बदलाव लाते हुए ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी’ योजना की शुरुआत की है। अब किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए ‘एबीसी-आईडी’ (या ‘आपार-आईडी’) होना अनिवार्य होगा।
EDUCATION: क्या है ‘आपार’ ?
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ‘ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्री (आपार)’ लॉन्च किया गया है। ‘आपार’ एक प्लेटफॉर्म है जो छात्रों के सभी अकादमिक क्रेडिट्स (डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट) और कोर्स पूरा होने का विवरण को एक जगह सुरक्षित रूप से जमा रखेगा।
‘आपार’ प्लेटफॉर्म पर छात्रों के अकादमिक डेटा को ‘एबीसी’ यानी ‘अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स’ में रखा जाएगा। छात्रों को ‘एबीसी’ में रजिस्ट्रेशन करना होगा और इसके बाद उन्हें एक यूनिक ‘एबीसी-आईडी’ या ‘आपार-आईडी’ दिया जाएगा। यह ‘आपार-आईडी’ छात्रों की शैक्षणिक पहचान होगी और इसका उपयोग वे विभिन्न शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए कर सकेंगे।
नए नियम के अनुसार, अब किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए ‘एबीसी-आईडी’ होना अनिवार्य होगा।
देश में डिजिटल सेवाएँ बढ़ रही हैं; सरकार ‘कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी)’ के ज़रिए सभी स्कूली बच्चों को तुरंत ‘अस्थायी’ आपार-आईडी देने के पक्ष में है जिसे छात्रों के आधार-नंबर से जोड़कर डिजी-लॉकर से लिंक किया जाएगा। निकट भविष्य में ग्रामीण स्तर पर इस सेवा को चलाने के लिए एक बिज़नेस मॉडल बनाने पर विचार किया जा रहा है।
आपार-आईडी छात्रों को अपनी शिक्षा संबंधी जानकारी, जैसे कि परीक्षा के अंक, पुरस्कार और अन्य उपलब्धियां, एक ही स्थान पर दर्ज करने की सुविधा देगा, जिससे छात्रों के लिए अकादमिक डेटा मैनेजमेंट आसान हो सकता है। आपार-आईडी छात्रों को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में क्रेडिट (अंक) ट्रांसफर करने की सुविधा भी देगा, जिससे छात्रों को अपनी पढ़ाई को अपनी सुविधानुसार और अपनी पसंद के अनुसार आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, आपार-आईडी केवल छात्रों को क्रेडिट (अंक) दर्ज करने और ट्रांसफर करने की सुविधा देगा। क्रेडिट का उपयोग करके प्रमाणपत्र जारी करने का कार्य शिक्षण संस्थानों द्वारा ही किया जाएगा।
ये कैसे होगा?
इसे उदाहरण के तौरपर ऐसे समझा जा सकता है। आशीष ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीए की पढ़ाई शुरू की। पहले वर्ष में, 70% अंक प्राप्त किए और ‘आपार’ में अपनी शिक्षा संबंधी जानकारी दर्ज की। दूसरे वर्ष में, आशीष मुंबई यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर होना चाहता है; ‘आपार’ के माध्यम से अपने क्रेडिट (अंक) को दिल्ली यूनिवर्सिटी से मुंबई यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर किया। मुंबई यूनिवर्सिटी ने आशीष के क्रेडिट (अंक) को स्वीकार कर लिया और उसे प्रवेश दिया। आशीष ने मुंबई यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री प्राप्त की। यह उदाहरण ‘आपार’ के उपयोग को बताता है।
ध्यान दें, ‘आपार’ प्रमाणपत्र या डिग्री जारी नहीं करता है। ‘आपार’ छात्रों को अपनी शिक्षा संबंधी डेटा को मैनेज करने में मदद करने के लिए एक उपकरण है। छात्रों को प्रमाणपत्र और डिग्री प्रदान करने के लिए शिक्षण संस्थान जिम्मेदार हैं।
(Content: http://www.nuutan.com)
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