Ezy Spit एक जबरदस्त सोच वाला स्टार्ट अप है जिसके ब्रांड प्रोमोशन हेतु अभिनेता सुनील शेट्टी आगे आएं हैं। स्टार्टअप है ‘इजी स्पीट’ । कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान अर्जित कर चुका ‘इजी स्पीट’ सार्वजनिक स्थानों में थूकने से उपजनेवाली समस्याओंपर कारगर समाधान देता है । Ezy Spit के उत्पादोंकी विशेषता हैरान कर देगी ।
India Input desk
क्या आप जानते हैं, कि भारतीय रेल हर साल थूकने के कारण बने दाग धब्बे व निशानों को साफ़ करने के लिए 1200 करोड़ रूपए और साथ में ढेर सारा पानी खर्च करती हैं। रेलवे स्टेशन के अलावा बस स्टैंड, हॉस्पिटल, बाज़ारों और कई अन्य सार्वजानिक स्थानों में भी थूक के धब्बे देखने को मिलते हैं । जिस तरह अनेक सार्वजानिक स्थानों में शौचालय, कूड़ा दान आदि की उचित व्यवस्था है उसी प्रकार थूकने की भी कोई उचित व्यवस्था होनी जरुरी है ताकि लोग किसी भी स्थान पर थूक न सकें और संक्रमण न फैले।
Ezy Spit का संदेश: घातक आदत है सार्वजनिक स्थान पर थूकना ।
थूक अर्थात स्पिट से कई संसर्गजन्य बीमारियां फैलती हैं जैसे कि TB, स्वाइन फ्लू, मौसमी फ्लू और अर्थात कोविड। लेकिन, हम थूकना रोक भी नहीं पाते । कुछ लोग तो पान, तंबाखू, पान मसाला या गुटखा खाकर सड़कों को, दिवारोंको सदा रंगने का काम करते हुए दिखते हैं।
यदि हम किसी भी सार्वजनिक स्थान पर थूकते हैं तो उसके कण 27 फीट तक हवा मे फैल सकते है. यह कीटाणु सभी उम्र के लोगों के लिए घातक है जिनमें बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाऐं भी शामिल हैं. यही नहीं देश में टीबी जैसी बीमारी को फ़ैलाने में भी इन्हीं थूक से उत्पन्न कीटाणुओं का अहम योगदान है। 2017 के आंकडोंपर नजर डालें तो एक लाख लोगों में 222 को टी बी का संक्रमण हो सकता है। और तो और, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का कहना है, कि यदि एक टी बी मरीज के थूक को योग्य तरीके से नष्ट नहीं किया गया तो इस से मात्र एक वर्ष में दस -बारह स्वस्थ इंसान टी बी से संक्रमित हो सकते हैं।
वैश्विक महामारी कोविड-19 की पहली व दूसरी लहर के दौरान भी सार्वजानिक स्थानों में थूकना मना किया गया था ताकि वायरस का फैलाव को रोका जा सके। भारत में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत 2005 से सार्वजानिक स्थान में थूकने पर चालान है और इसकी राशि ₹ 200 से ₹ 5000 तक है।
और जैसा हम सभी भारतीय जानते है, खुले में थूकने की आदत से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है ही साथ ही इसके दाग धब्बों को साफ करना अपने आप में एक चुनौती भी बन जाता है ।
जब हमें थूकना होता है, लेकिन पता नहीं होता, कि कहां थूक सकते हैं, या आपको मचली अर्थात वमन की तीव्र ईच्छा है किंतु यह नहीं पता कि कहां जाएं.. पता नहीं होता कि प्रसाधन गृह, शौचालय (टॉयलेट), या मूत्रीघर (यूरिनल) कहां है, वहां बेसिन है भी या नहीं, या उतने दूर जाने का समय भी नहीं होता, तब उस पल के लिए आप उपयोग कर सकते है स्पिटून या स्पिट बीन या वॉमिट बैग।
क्या करता है Ezy Spit (इजी स्पीट)?
‘ईजी स्पीट स्टार्टअप’ का उद्देश्य सार्वजनिक जगह थूकने की बढ़ती समस्या पर अंकुश लगाने के लिए भारत मे इको-फ्रेंडली स्पिटून के उत्पाद के बारे में जागरूकता फैलाना है. यह अभियान मानव थूक के कचरे से पौधों को विकसित करने के विचार के साथ बनाया गया है।
पेपर, पल्प और पॉलिमर से बने ये स्पिटून्स, स्पिट बीन और वॉमिट बैग्स आप उनकी क्षमता के अनुसार उपयोग कर माटी में दबा सकते हैं। ये अपने आप माटी में मिल जाते हैं, क्योंकि बायो डिग्रडेबल हैं अर्थात इनसे पर्यावरण को हानी नहीं होती। उल्टे, माटी में मिलकर ये उसकी उपजाऊ क्षमता बढ़ाते हैं।
जी हां, इसमें थूकने पर यह उसे सोख लेते हैं और उर्वरक जैसा बना देते हैं । बाद में इसे मिटटी में डाल सकते हैं जहाँ पौधा भी उगाया जा सकता है। सफाई के साथ पौधारोपण के इस अनोखे इनोवेशन की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रतन टाटा भी कर चुके हैं। रेल्वे, अस्पताल और महानगर पालिकाओं ने खास तौर पर इन उत्पादोंमें रुचि दिखाई है और ऑर्डर्स प्लेस किए हैं।
इंजिनियरिंग ग्रैजुएट रितु मल्होत्रा द्वारा पांच वर्ष पूर्व स्थापित इस स्टार्टअप को अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 26 सम्मान और अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।
इस अवसर पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए को फाउंडर रितु मल्होत्रा कहती हैं, ‘हमें यकीन है कि यह सार्वजनिक जगह थूकने के धारणा को तोड़ देगा और इस अभियान का उद्देश्य व्यक्तियों के बीच खुले में थूकने से हतोत्साहित करना और बदले में इन पुन: प्रयोज्य स्पिटून के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना है। इजी स्पीट स्पिटून में मैक्रोमोलेक्यूल पल्प तकनीक है और यह एक ऐसी सामग्री से लैस है जो लार में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को लाॅक करती है।’
महिलाओंद्वारा संचालित उत्पादन व्यवस्था।
हम 2015 से इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए अध्ययन कर रहे थे और आज हम इसे लेकर देश के सामने आये हैं। हमारा यह प्रयास स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत को सफल बनाने का है। सबसे अनोखी बात इसकी पुरी मैन्युफैक्चरिंग महिलाओं की टीम संभाल रही है । 24 महिलाओं की टीम इस विशेष इनोवेशन को संभाल रही हैं. हमारा उद्देश्य मनुष्यों और प्रकृति के बीच संबंधों सुधारना है, और पारिस्थितिकी तंत्र में सुंदरता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। इन्हीं चीजों पर ही हमारा अस्तित्व और स्वास्थ निर्भर हैं ।
सुनील शेट्टी बने Ezy Spit के ब्रांड एंबेसेडर।
किसी भी नए स्टार्टअप के लिए किसी सेलिब्रिटी के साथ जुड़ना एक सपने के समान होता है । अभिनेता सुनील शेट्टी इस ब्रांड के एंबेसेडर हैं । इस पर Ezy spit की संचालिका कहती हैं, ‘अच्छे सोच के साथ अच्छे लोग स्वयं ही जुड़ जाते है। हमारी सफाई की मुहिम मे भी श्री सुनील शेट्टी सर जुड़ चुके है, इस खोज के ब्रांड एंबेसडर के रूप में। फिल्मों में उन्होंने नायक और खलनायक दोनो की भूमिका निभाई है । किन्तु, आज इस स्पिट फ्री मुहिम से जुड़कर सृष्टि और पर्यावरण के लिए महानायक के रूप में आगे आए हैं । उनके मार्गदर्शन से मुझे और हमारी पूरी टीम को उम्मीद है, कि हम इस इस खोज को एक अलग मुकाम तक ले जा पाएंगे।’
‘इजी स्पीट’ के यह उत्पादन आम भारतियोंके बजेट में फिट होते हैं ।
ये तीन प्रकारोंमें उपलब्ध है ।
पॉकेट पाउच (10 से 15 बार पुन: प्रयोज्य),
मोबाइल कंटेनर (20 ,30,40 बार पुन: प्रयोज्य) और
स्पिटबिन (2000 से 5000 बार पुन: प्रयोज्य) ।
Ezy Spit के उत्पाद हेतु संपर्क
ई मेल : office@ezyspit.in
व्हाट्सऐप : +91 9552312197