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FACT CHECK: फ्री लैपटॉप और आधारकार्ड लोन के दावे!

चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार के खिलाफ काल्पनिक योजनाओं के नाम पर फेक न्यूज का जाल! सरकारी योजनाओं के नामपर झूठ!

FACT CHECK
Image: Social media

FACT CHECK करते हैं फ्री लैपटॉप और आधारकार्ड लोन बाँट रहीं फेक न्यूज का।

 

भारत में  2024 चुनावी वर्ष है। ऐसा दिखता है, कि फेक न्यूज पैडलर्स केंद्र सरकार के खिलाफ काल्पनिक योजनाओं के नाम पर फेक न्यूज का जाल बिछाने में व्यस्त हैं!

 

पढ़िए, फैक्ट चेक श्रृंखला  विशेष लेखमाला  ‘विमर्श की दुनिया’में एडिटर डॉ. नम्रता मिश्रा तिवारी द्वारा नया भंडाफोड़। 

 

FACT CHECK में आज बात करते हैं ऐसे लोगोंकी जो भारत की केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त लैपटॉप और मुफ्त कर्ज बांटे जाने के दावे कर रहे हैं।

 

क्या केंद्र सरकार की किसी तथाकथित ‘फ्री लैपटॉप ऑनलाईन रेजिस्ट्रेशन योजना 2024’ का नाम आपने सुना है?

 

शायद नहीं। वो इसलिए क्योंकि इस नाम की कोई योजना अस्तित्व में है ही नहीं। लेकिन, यदि आप ने इस योजना का नाम पढ़ा या सुना है, तो इसका मतलब आपने इस बारे में फेक न्यूज पढ़ी है। जी हाँ, Free Job Post नामक यूजर ने सोशल मिडिया पर जो पोस्ट डाली वो इस प्रकार है:

 

FACT CHECK
छात्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा फ्री लैपटॉप दिए जाने के दावे इन दिनों काफी वायरल हो रहे हैं।

 

‘फ्री लैपटॉप के लिए ऑनलाइन आवेदन 2024, अब सभी स्टूडेंट को सरकार देगी फ्री लैपटॉप।’

 

इसमें प्रधान मंत्री मोदी की तस्वीर है और एक लैपटॉप की तस्वीर भी है। कैसे बुक करें ये लैपटॉप उस विषय में बताया गया है। कहा गया है कि, ‘हेलो दोस्तों अगर आप लोग भी विद्यार्थी हैं तो हम सभी विद्यार्थियोंको इस आर्टिकल में फ्री लैपटॉप योजना के बारे में बता रहे हैं।’

 

उधर Sarkari Job नामक पोर्टल की 21 जनवरी की पोस्ट में भी सभी विद्यार्थियों को सरकार फ्री लैपटॉप देगी ऐसा दावा किया गया है। फ्री लैपटॉप पाने के लिए छात्रों को एक फॉर्म भरने को कहा गया है।

 

ठीक इसी प्रकार एक अन्य साइट Hindi INfo नामक यूजर की 15 फरवरी की पोस्ट में किसी One Student One Laptop Yojana 2024 का उल्लेख किया गया है। यहां भी प्रधान मंत्री मोदी की तस्वीर है और एक फोटोशॉप किए चित्र में दर्शाया गया है कि उन्होंने हाथों में लैपटॉप उठाया है। एक और चित्र में एक स्कूली यूनिफॉर्म पहने लड़की को लैपटॉप लिए दर्शाया गया है। साथ में लिखा है, – ‘सरकार दे रही सभी को फ्री लैपटॉप। डाक्यूमेंट्स, पात्रता जानें, ऐसे भरें फॉर्म।’

 

इसमें कहा गया है कि ‘सरकारी स्कूलों में पढाई करनेवाले छात्रों को शिक्षा के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा समय समय विभिन्न प्रकार की पुरस्कार व निशुल्क लैपटॉप और टेबलेट वितरण योजनाएं शुरू की जा रही हैं। जिसमें से हाल ही में एक ऐसी फ्री लैपटॉप योजना को शुरू किया गया है।’

 

लेकिन, उनकी पोस्ट को आगे पढ़ने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ऐसी कोई योजना केंद्र सरकार ने घोषित नहीं की है।

 

सच यही है, कि केंद्र सरकार ऐसी कोई योजना चला नहीं रही है।

 

FACT CHECK : फेक न्यूज के पीछे क्या हो सकता है मकसद?

 

सवाल ये उठता है कि यदि ऐसी कोई योजना हकीकत में नहीं है तो इतने सारे पोर्टल्स या सोशल मीडिया यूजर्स उसके बारे में क्यों पोस्ट कर रहे हैं?

 

तीन मुख्य उद्देश्य हो सकते हैं। एक, उन्हें संभवतः यह उम्मीद होगी, कि फ्री लैपटॉप के बारे में जानने अधिक से अधिक लोग उनकी पोस्ट पढ़ेंगे, शेयर और फॉरवर्ड करेंगे, लाइक और सब्स्क्राइब करेंगे। इस तरह उनकी पोस्ट की एंगेजमेंट बढ़ेगी, उनका सोशल मिडिया अकाउंट बढ़ेगा इत्यादी।

 

दूसरा उद्देश्य हो सकता है, कि फॉर्म भरवाने के नाम पर आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर, इ मेल एड्रेस और अन्य जानकारियां जुटाना और भविष्य में इस तरह संग्रहित की हुई आपकी जानकारी, आपका डाटा किसी को हस्तांतरित करना या बेच देना। ये ऑनलाईन धोखाधड़ी है। और आगे भी सभव है कि आपका डाटा इस्तेमाल कर, आपकी पहचान का उपयोग कर आपके साथ या आपको जाननेवालों के साथ कोई धोखाधड़ी या जालसाजी हो सकती है।

 

उनका तीसरा उद्देश्य हो सकता है कि इस चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार के नामपर झूठ फैलाकर बदनामी करना! उन्हें उम्मीद होगी कि लोगों जब पता चलेगा कि सरकार ने ऐसी कोई योजना घोषित की ही नहीं , तो वे नाराज होंगे और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध में मतदान करेंगे और अन्य मतदाताओं को भी भड़काएंगे।

 

उद्देश्य कुछ भी हो, ये फेक न्यूज है, इतना तय है।

 

FACT CHECK: फेक न्यूज की पहचान कैसे करें?

 

सीधी सी बात है, सरकार अधिकृत योजना के लिए सरकारी अधिकृत वेबसाईट का उपयोग करेगी। सरकारी डोमेन नेम में gov.in होता है, या nic.in का उल्लेख पाया जाता है, किसी अन्य वेबसाईट को सरकार की अधिकृत साईट नहीं माना जा सकता। ऐसे में सरकार की अधिकृत एजेंसी प्रेस इनफार्मेशन ब्युरो (PIB) से पड़ताल की जा सकती है। उनसे pib.gov.in इस वेबसाईट द्वारा संपर्क किया जा सकता है।

 

इसके अलावा भी, आम तौर पर Fake News में गलतियां पायी जाती हैं। ये गलतियां भाषा व्याकरण (ग्रामर) तथा शब्दोंके लेखन (स्पेलिंग) की हो सकती हैं। फ्री लैपटॉप की पोस्ट्स में भी कई तरह की हिंदी तथाअंग्रेजी व्याकरण में गलतियां हैं। स्पेलिंग्स भी गलत हैं। उदाहरण के लिए ‘Registration’ के स्थान पर ‘Rejistration’ ऐसा छपा है। ‘हैलो’ के स्थान पर ‘हेलो’ छपा है। आम तौर पर ‘अध्ययन’ शब्द का प्रयोग होता है, यहां ‘पढ़ाई’ लिखा है। ‘विभिन्न प्रकार की पुरूस्कार’ ऐसा भी छपा है।

 

FACT CHECK: आधार कार्ड पर लोन का दावा।

 

एक और फ़र्ज़ी खबर अर्थात Fake News वायरल हो रही है जिसमें कहा गया है कि पी एम योजना के तहत आधार कार्ड के आधार पर 2 प्रति शत ब्याज पर लोन दिया जा रहा है। इस पर 50 प्रति शत राशि माफ़ कर दी जायेगी ऐसा भी दावा किया जा रहा है।

 

ख़ास बात यह कि ऐसे सन्देश मोबाईल फोन पर एस एम एस द्वारा आ रहे हैं और उनमें संपर्क हेतु एक अन्य मोबाईल नंबर भी दिया जा रहा है।

 

यहां भी कोई सरकारी वेबसाईट या सरकारी हेल्प लाईन का उल्लेख नहीं है। जाहिर है, यह भी धोखाधड़ी या जालसाजी का प्रयास हो सकता है। आपकी निजी जानकारी और डाटा चुराने का प्रयास हो सकता है, या आपको ऑनलाईन कर्ज देकर उस ऐवज में आपसे मोटा ब्याज ऐंठने की और उस हेतु आपको परेशान करने की साजिश हो सकती है।

 

(इस श्रृंखला में अगली खबर: सरकारी नौकरियाँ बाँटनेवाली फ़र्ज़ी वेबसाईट का भंडाफोड़।)

 

(एडिटर, फैक्ट चेकर एवं रिसर्चर डॉ. नम्रता  मिश्रा तिवारी पॉलिटिकल सायंस तथा  मास कम्युनिकेशन्स में पी एच डी हैं )

 

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