FACT CHECK: सरकारी नौकरियाँ बाँटनेवाली वेबसाईट का भंडाफोड़!
रेल्वे मिनिस्ट्री के नाम पर जारी किए गये एक व्हायरल नोटीस का झूठ भी पकड़ा गया।
FACT CHECK सरकारी नौकरियाँ बाँटनेवाली एक फ़र्ज़ी वेबसाईट का! क्या नाम है इस वेबसाईट का और क्या दावा कर रही है ये वेबसाईट, आइये देखें।
डॉ. नम्रता मिश्रा तिवारी
FACT CHECK करते हैं, एक ऐसी वेबसाईट का जो हजारों रुपये एप्लीकेशन फीस के तौर पर मांग रही है और सरकारी नौकरियाँ देने का दावा कर रही है। हालांकि, ये वेबसाईट कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय से किसी भी तरह सम्बंधित नहीं है।
ये वेबसाईट है: https://rashtriyavikasyojna.org
ये वेबसाईट रुपये 1,675/- बतौर एप्लीकेशन फीस मांग रही है। इसका दावा है विभिन्न पदों के लिए सरकारी नौकरियाँ दिलवाने का। लेकिन, पड़ताल करने पर प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने पाया कि इसके दावे के विपरीत ये वेबसाईट एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर मिनिस्ट्री से किसी भी रूपम से संलग्न नहीं है। अर्थात ये वेबसाईट और उसका ये नौकरियोंवाला दावा झूठा अर्थात फेक है।
पी आई बी अर्थात प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने इस व्हायरल पोस्ट की पड़ताल कर उक्त वेबसाईट को गलत जानकारी देने का दोषी पाया है।
FACT CHECK एक फेक एम्प्लॉयमेंट नोटीस का!
रेल्वे मिनिस्ट्री के नाम पर जारी किए गये एक व्हायरल नोटीस कि बात भी लगे हाथ हो जाए!
बिल्कुल रेलवे मंत्रालय के एम्प्लॉयमेंट नोटिस की तरह दिखनेवाले इस फेक विज्ञापन में दावा किया गया है, कि रेल्वे सुरक्षा बल अर्थात रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स में सब इंस्पेक्टर तथा कॉन्स्टेबल की नियुक्तियाँ (रिक्रूटमेंट) जारी हैं।
हालांकि सच्चाई यह है, कि इस तरह की कोई नोटिस रेल्वे मंत्रालय या रेल्वे बोर्ड या रेल्वे विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है। पी आई बी अर्थात प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी इस व्हायरल पोस्ट की पड़ताल कर उसे फेक न्यूज पाया है। अतः इस तरह के फेक पोस्ट में दिए गए वेबसाइट पर या लिंक पर क्लीक करना समझदारी की बात नहीं होगी।
जाहिर है, 2024 यह वर्ष चुनावी वर्ष है। लिहाजा, इन बोगस दावों के पीछे राजनैतिक मकसद भी छुपा हो सकता है।
(इस श्रृंखला में अगली खबर: FACT CHECK उन लोगों का, जो आपकी तलाश में हैं।)
(एडिटर, फैक्ट चेकर एवं रिसर्चर डॉ. नम्रता मिश्रा तिवारी पॉलिटिकल सायंस तथा मास कम्युनिकेशन्स में पी एच डी हैं )
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