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FACT CHECK: बुरी खबर, Fake News बनानेवाले व्यस्त हैं!

फेक न्यूज़ की बाढ़ देखिए। कोई चीखा 'भूकंप आया', किसीने कहा 'ई वी एम बैन हुए', कोई बोला 'CBSE ने बारहवीं की परीक्षा आगे बढाई।' सारी झूटी खबरोंका पर्दाफाश यहां होता है।

FACT CHECK जहाँ सारी झूठी खबरोंका पर्दाफाश होता है। जैसे जैसे लोकसभा 2024 चुनाव करीब आ रहे हैं, फेक न्यूज़ की बाढ़ देखते बनती है। कोई चीखा ‘भूकंप आया’, किसीने कहा ‘ई वी एम बैन हुए’, कोई बोला ‘CBSE ने बारहवीं की परीक्षा आगे बढाई।’

पढ़िए, फैक्ट चेक श्रृंखला  विशेष लेखमाला  ‘विमर्श की दुनिया’में एडिटर डॉ. नम्रता मिश्रा तिवारी का ताजा लेख।

 

FACT CHECK में आज पहले बात करते हैं, एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए दो विडियोज की! इस यूट्यूब चैनल का नाम है हिंदी ब्रेकिंग न्यूज लाइव। इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या छोटी नहीं है। इसके लगभग 27 हजार 600 सबस्क्राइबर्स हैं! इसके लोगो पर लिखा है 1 मिनट खबर। अब बात करते हैं उन दो विडियोज की। बात क्या करनी है, आप यही पढ़ लीजिए, मामला खुद ब खुद आप समझ लेंगे।

 

FACT CHECK

 

पहले वीडियो में कहा है, कि “भारत में भूकंप ने कहर बरपाया, मची खलबली। 1मिनट पहले भारत में भूकंप, 20 हजार मौत। भूकंप से धरती हिली, लाशों के ढेर लगे।” इसे चैनल पर अभी अभी की बहोत बड़ी ख़बर बताया गया है।

 

इसी यूट्यूब चैनल से एक अन्य वीडियो है एक और ‘अभी अभी की बहोत बड़ी ख़बर’! जी हां, इनके लिए ये भी ब्रेकिंग न्यूज है। कहा गया है, “EVM 20 सालों के लिए बैन!”

 

EV

 

यह भी कहा गया है, कि “सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा को दिखाई औकात।”

 

इन्हे यह दावा करना है, कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अगले बीस वर्षों तक एलक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर बैन लगाया है। मतलब इनका कहना है, कि चुनावों में इन ईवीएम मशिनोंका इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। जाहिर है, ये खबर फर्जी है।

 

इन दोनो विडियोज में बताई ब्रेकिंग न्यूज दरअसल Fake News है क्योंकि, ऐसा कुछ भी कहीं हुआ नहीं है।

 

ऐसे कई यूट्यूब चैनल हैं जिन्हें ऐसी फेक न्यूज वाली खबरें देने की बीमारी है। अब सवाल ये है, कि ऐसे कुछ यूट्यूब चैनल भारत के लिए बुरी या झूठी खबरें क्यों बनाते हैं? शायद इस से उन्हें आनंद आता हो, कुछ संतोष और समाधान प्राप्त होता हो। संभव है, कि कुछ दुश्मन देशों से उनके दिलों के तार जुड़े हों।

 

लेकिन, देश के छात्रों ने इन Fake News peddlers का क्या बिगाड़ा है? अभी ऐसी खबरें वायरल हुई जिन्हें पढ़ने से बारहवीं के छात्र छात्रा, उनके अभिभावक तथा शिक्षक वर्ग में खलबली मच गई। इस खबर के साथ बाकायदा ऑफिशियल लगने वाला एक पत्र भी जोड़ा गया था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन याने सीबीएसई ने बारहवीं कक्षा (standard XII) की परीक्षा आगे बढ़ा दी, उनकी तारीखें बदल दीं ऐसा दावा इस वायरल हुई खबर में किया गया था।

 

FACT CHECK
आखिर CBSE को अपने असली हैंडल से ट्वीट कर फेक न्यूज का खंडन करना पड़ा।

 

डेट्स बदलने की वजह पंजाब में जारी किसान आंदोलन से उपजी असुविधा कहा गया था। हालाकि गौर करने वाली बात यह थी कि उक्त सरकारी पत्र की भाषा सही नहीं थी, उसमें अंग्रेजी व्याकरण की गलतियां साफ झलक रही थीं।

 

फिर, इस पत्र को लेकर उपजी शंका सच साबित हुई। यह पत्र फेक न्यूज साबित हुआ। CBSE के असली X (पूर्ववर्ती ट्वीटर) हैंडल पर इस पत्र को मिथ्या तथा भ्रामक होने की बात स्पष्ट करता ट्वीट पोस्ट हुआ। और परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्र छात्राओं ने राहत की सांस ली।

 

इस तरह झूठा पत्र बनाकर उसे प्रचारित करने के पिछे क्या कारण रहा होगा? क्या यह कार्य ऐसे किसी विद्यार्थी ने किया होगा जिसकी पढ़ाई पूरी नहीं हुई होगी? ऐसा करने से कुछ छात्रों की हानि संभव थी। खैर, हमें अधिकारिक सुत्रोंसे पुष्टि होने तक किसी ऐसी वायरल खबर पर विश्वास नहीं करना है।

 

फैक्ट चेक से एक बात की पुष्टि होती है। इतनी फेक न्यूज़ देखते हुए लगता है, भारत में बुरी खबर, Fake News बनानेवाले व्यस्त हैं, ओवरटाईम कर रहे हैं! उन्हें कोई कह दे, कि थोड़ा आराम कर लें, क्योंकि असली फैक्ट चेकर्स उनकी मंशा सफल नहीं होने देंगे!

 

मिलते हैं, FACT CHECK श्रृंखला के अगले लेख में।

 

(लेखिका, रिसर्चर डॉ. नम्रता मिश्र तिवारी  http://www.indiainput.comकी एडिटर एवं पॉलिटिकल सायंस तथा मास कम्युनिकेशन्स में पी एच डी हैं।)

 

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