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INTERNATIONAL YOGA DAY: आज से ही शुरू करें ये ८ योगासन।

अब आप व्यस्तता का बहाना नहीं कर सकेंगे। अंतर्राष्ट्रीय  योग दिवस पर्व पर ऐसे चुनिंदा आठ योगासन जो आपको रखेंगे फिट। 

International Yoga Day International Yoga day अर्थात अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में प्रतिवर्ष २१ जून यह दिन मनाया जाता है।योगासन के लिए समय नहीं है? नो टाईम? क्या प्रतिवर्ष आप भी योग दिवस पर वर्षभर हर दिन योग करने का प्रण लेते हैं और फिर चाहकर भी योग नहीं कर पाते हैं? यदि ऐसा है तो यह जानकारी आपके लिए है।  अब आप भी रोजाना मात्र ये आठ योगासन करके लाभान्वित हो सकेंगे।

(लेख का एकमात्र उद्देश्य योगाभ्यास के प्रति जागरूकता तथा प्रचार है। किसी अनुभवी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में योगासन करना अपेक्षित है। -इंडिया इनपुट डेस्क)

२१ जून। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में प्रतिवर्ष यह दिन मनाया जाता है। योग का अर्थ है मिलाना। हमारे मन और शरीर को स्वास्थ्य और निरोगी जीवन से जोड़कर आनन्ददायी वर्तमान और भविष्य की ओर हमें योग ले जाता है। योग के बेशुमार लाभ हैं। एक पुरानी कहावत है, ‘योग भगाये रोग’.. अर्थात नियमित योग साधना आपको बीमारियोंसे दूर रखती है और उनके लक्षण भी कम होते जाते हैं। विश्व भर में योग से लाभान्वित होनेवाले लोगोंमें अब प्रति वर्ष बढ़ौतरी हो रही है।

INTERNATIONAL YOGA DAY
फिर, आप और हम भला क्यों पीछे रहें?
आधुनिक जीवन की व्यस्तता, आपाधापी तथा तनाव के चलते हममें से कई लोग योग अनुरूप दैनंदिन जीवन यापन नहीं कर पाते।
किन्तु, ये बहाने क्या वाकई योग से दूर रखने के लिए कारगर है?
नहीं।
आप यदि हर दिन थोड़ा समय  निकालें तो ये आठ योगासन आपको अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी जीवन का वरदान दे सकते हैं।
जो योग अभ्यास में नए हैं ऐसे हर आयु के पुरुष या स्त्री इन्हे कर सकते हैं।

आइये, इन आठ योगासनोंसे आपको क्या क्या लाभ हो सकते हैं उनसे परिचय कर लें।

सर्वांगासन

नियमित सर्वांगासन से आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार दिखेगा, ब्लड सर्कुलेशन नियंत्रित रहने लगता है। आपकी  थायराॅयड ग्रंथि को स्वस्थ्य बनाए रखने में, कब्ज की शिकायत दूर करने में , बालों का झड़ना और तनाव आदी कम करने में सहायता करता है। आपके वजन को काबू करने के साथ ही स्वस्थ हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा मिलता है।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन का नियमित अभ्यास आपके मन मस्तिष्क को शांती प्रदान करने के साथ साथ  तनाव व हल्के डिप्रेशन (निराशा की भावना) का स्तर कम करने में भी मदद करता है। नियमित रूप से सेतुबंधासन का अभ्यास  छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है। ये आपकी रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ बनाता है तथा सशक्तता प्रदान करता है।  सेतुबंधासन से पाचन में सुधार आता है। साथ ही पेट के अंगों, फेफड़ों और थायराइड को उत्तेजित करता है।

गोमुखासन

नियमित रूप से गोमुखासन भी आपकी चिंता और तनाव के स्तर को कम करते हुए, आपके उच्च रक्तदाब को बेहतर करेगा। इसका नियमित अभ्यास कंधों की जकड़न, रीढ़ को सीधा करने, तथा बैठने की पोजीशन ठीक करने, के साथ ही  पीठ के स्नायु मजबूत बनाने में बेहद गुणकारी है।

पश्चिमोत्तानासन

इस आसान का नियमित अभ्यास बेहतर पाचन के लिए गुणकारी है। नियमित रूप से करने से यह आसन आपके पेट की चर्बी दूर करनेमें सहायक भी होगा।
इस आसान को नियमित करने से आप स्वयं अनुभूति करेंगे कि आपके तनाव का स्तर कम हो रहा है। अतः इस से आपकी अनिद्रा की समस्या में भी काफी राहत मिलेगी। हड्डियोंको लचीला बनाने में इस आसान का विशेष उपयोग है।

अधोमुख श्वानासन

इस आसान का नियमित रूपसे अभ्यास करने के कई लाभ हैं। ख़ास तौर पर आपकी पाचन समस्याओंको सुलझाने में ये आसन लाभदायी है।  अनिद्रा तथा थकान का स्तर कम करने में भी यह आसन विशेष लाभदायक है। यदि आपको पीठ दर्द और सरदर्द की समस्या रहती है तो अधोमुख श्वानासन आपके लिए निश्चित गुणकारी हो सकता है।

मार्जरी आसन

इस योग का नियमित अभ्यास पेट, पीठ और रीढ़ की समस्याओं से निजात पाने, आंतों को स्वस्थ रखने में सहायक हैं। नियमित मार्जारी आसन आपके कब्ज तथा पाचन और  पेट संबंधी कई प्रकार की समस्याएं जैसे कि पेट फूलना आदी में मार्जरी योग सहायक सिद्ध होता है। पेट के अंगों में स्नायू की शक्ति में बढ़ावा मिलता है।

इन छह आसानोंके साथ आपको प्रति दिन नियमित रूप से दो प्राणायाम अवश्य करने चाहिए। ये हैं, अनुलोम विलोम तथा कपाल भाति प्राणायाम।
कपाल भाति प्राणायाम   
कपालभाति प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर की सभी नादियोंको शुद्ध करने में सहायता होती है।  इस प्राणायाम से आपके शरीर में रक्त के अभिसरण की प्रक्रिया में सुधार होगा तथा चेहरेपर आशादायी और ऊर्जावान चमक दिखाई देगी। आपके शरीर में चयापचय अर्थात मेटाबॉलिज्म को ठीक सुचारु ढंग से करवानेमें यह प्राणायाम सहायक होता है।  शरीर का वजन यदि अधिक हो तो उसे घटाने में ये कारगर है। पेट की मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं।
अनुलोम विलोम

आपको अनुलोम विलोम के नियमित अभ्यास से जीवन के तनाव से काफी हद तक छुटकारा मिल सकेगा और आशादायी तथा आनंददायी अनुभूति होने लगेगी।  इसके बेहतर परिणामोंके लिए केवल सुबह ही नहीं बल्कि आप दिन के अलग अलग समय पर भी सिमित रूप में अनुलोम विलोम कर सकते हैं। अस्थमा, ब्रोंकायटिस जैसे श्वसन विकारोंकी स्थिति में आपको नियमित रूप से यह प्राणायाम करना ही चाहिए क्योंकि ये लक्षणोंमें कमी लाकर बेहतर इलाज साबित होता है।आपको सरदर्द, माइग्रेन, अनिद्रा और तनाव आदि समस्याओंमें राहत दिलाने हेतु यह प्राणायाम बेहद कारगर है। नींद की गुणवत्ता में सुधार होकर आपको निराशा  या अवसाद के लक्षणोंमें निश्चित रूपसे कमी दिखाई देगी।

international yoga day
हालांकि ये योगासन आसान हैं किन्तु, इन्हें करते समय उचित सावधानी बरतें और हड़बड़ी ना करें। किसी अनुभवी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में करना अपेक्षित है।
योग के लिए उचित आसन अर्थात योग मैट का प्रयोग अवश्य करें।
(all images: pexels.com)
जनार्दन स्वामी योगाभ्यासी मंडल शास्त्रोक्त योगाभ्यास तथा परिणामकारक योगोपचार के लिए सर्वविदित है। ये है  १९५० से निःशुल्क योगाभ्यास प्रशिक्षण, संशोधन तथा योगोपचार का विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क।

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