UAE में खूब गूंजी भारतीय दोस्ती और जोश!
कैसा रहा ‘एहलान मोदी’ कार्यक्रम! अबू धाबी से नंदिनी एन. नागपुरकर द्वारा 'आंखों देखा हाल..'
UAE में कैसा रहा ‘एहलान मोदी’ कार्यक्रम! UAE में हिन्दू मंदिर का आरम्भ निसंदेह बड़ी खबर है। ‘एहलान मोदी’ नामक कार्यक्रम का आयोजन भी दोनों देशों के बीच दोस्ताना गर्मजोशी का अपने आप में एक अनोखा उदाहरण था। यहाँ पेश हैं वो झलकियाँ और अनुभव जो किसी पत्रकार की रिपोर्ट में नहीं मिलेंगे। http://www.indiainput.com के लिए अबू धाबी से फ्री लांस जर्नलिस्ट नंदिनी एन. नागपुकर द्वारा ‘आंखों देखा हाल..’
UAE में ‘एहलान मोदी’ कार्यक्रम से दो दिन पहले अच्छी बारिश हुई थी। यहां अबू धाबी में प्रायः जो भी बारिश होती है, वह क्लाउड सीडिंग द्वारा करवाई जाती है। अब इसे क्लाउड सीडिंग का परिणाम कह लीजिए या पवित्र, दैवी तथा दोस्ताना माहौल का करिश्मा, लेकिन बारिश अच्छी हुई साथ साथ ओले भी खूब गिरे। इसलिए, कार्यक्रम को लेकर कुछ चिंता होना स्वाभाविक भी था। लेकिन, बारिश के चलते शो के दिन वातावरण काफी अल्हाददायक हो चुका था तथा शो का आयोजन किसी विघ्न के बगैर, सफलता पूर्वक हो सका यह बड़े संतोष की बात है।
‘एहलान’ अरेबिक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है हैलो या नमस्ते। शो के दिन जायेद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में तकरीबन चालीस से पैतालीस हजार लोग आए थे। इनमें अधिकतर भारत मूल के या भारत के लगभग सभी हिस्सों से यहां आए लोग थे। कोई उत्तर भारतीय नहीं था, कोई दक्षिण भारतीय नहीं था, ना कोई पूर्व भारतीय और ना कोई महाराष्ट्रीयन, गुजराती, बोहरा! सारे लोग भारतीय होने के नाते आए थे। वे भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को लोग सुनना चाहते थे, देखना चाहते थे, उनका उत्साह बढ़ाना चाहते थे।
एक और खूबसूरत बात ये थी, कि यहां के स्थानिक अरब भी बड़ी तादाद में थे। यहां के कारोबारी, व्यापारी, निवेशक तमाम तरीके के लोग प्रधान मंत्री मोदी को सुनना चाहते थे। भारतीय एंबेसी वाले और सुरक्षा एजेंसियों के लोग तो थे ही। इंडियन पीपुल्स फोरम अर्थात आई पी एफ के वॉलंटियर्स भी थे। इन वॉलंटियर या स्वयंसेवक लोगोंको विभिन्न ग्रुप द्वारा चयनित किया गया था। इनमें महाराष्ट्र मंडल और तमाम दूसरे संगठनों के सदस्य भी शामिल थे।
वे व्यक्ति जो शो की सफलता हेतु सेवा देना चाहते थे ऐसे इच्छुक लोगों की जानकारी ली गई थी। उनके नाम, उनकी एमिरेट्स में आइडेंटिटी, उनका एमिरेट्स में पता जैसे कि वे कहां रहते हैं दुबई, अबु धाबी या शारजाह। और भी आवश्यक जानकारी जैसे कि फोन नम्बर, ई मेल एड्रेस। एजेंसियों द्वारा क्रॉस चेक करने के बाद अप्रूव होने पर उन्हे फाइनल लिस्ट में जोड़ा गया, दो तीन दिन ब्रीफिंग में बुलाया गया और विभिन्न दायित्व दिए गए। एक अनुमान के अनुसार करीब साढ़े सात सौ स्वयंसेवक रहे होंगे। कार्यक्रम में आने के लिए इच्छुक दर्शकों का परिचय डाटा पासपोर्ट नंबर/ओसीआय नंबर इकठ्ठा कर उन्हें टिकट डिस्ट्रीब्यूशन और Q R कोड एलॉट किए गए थे।
सामान्य दर्शक, विशेष निमंत्रित, वी वी आई पी, ऐसे तमाम आने वाले लोगों का Q R कोड स्कैन कर और उनको हाथ में उस अनुसार बैंड लगाए गए। इस काम का जिम्मा मैने स्वयं पर और मेरे अन्य साथियों ने ले रखा था अतः हम सुबह साढ़े नौ बजे स्टेडियम पहुंच गए थे। वॉलंटियर्स का अलग से नाश्ते, लंच वगैरह इंतजाम था। स्टेडियम के बाहर फूड, बेवरजीस आदी के स्टॉल्स थे। लेकिन भीतर कुछ लाना माना था। भीतर वालंटियर्स पेय जल सर्व्ह करने हाजिर थे। सुरक्षा कर्मियों के अलावा मेडिकल स्टाफ भी था। बाहर एंबुलेंस और अन्य सेवाएं भी थीं।
लोगों का आना साढ़े ग्यारह बजे से शुरू हुआ। यहां के निवासी भारतीय लोगों ने पूरी दोपहर नृत्य तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। दर्शक पूरे जोश में थे। तालियां बजा रहे थे, चीयर कर रहे थे, नाच रहे थे, झूम रहे थे। कल्चरल प्रोग्राम में कोई बड़ा स्टार नहीं था फिर भी उपस्थितों ने खूब लुत्फ उठाया।
एक उदाहरण बता सकते हैं, एक सिंगिंग आइटम का। एक अरबी गायक तथा एक भारतीय हिंदी गायिका का यह परफॉर्मेंस कार्यक्रम का हाई प्वाइंट कह सकते हैं। पहले उन्होंने एकही गीत अपनी अपनी भाषा में प्रस्तुत किया और फिर एक दूसरे की भाषा में भी। लोगों ने इसे खूब पसंद किया। यह कई दर्शकों के लिए निसंदेह एक भावुक करने वाला पल था। दोस्ती और भाईचारे की ये एक अनूठी मिसाल थी। लोग भारत माता और यू ए ई की जय जय कार कर रहे थे।
एक खास बात यह भी कि जब प्रेयर टाइम हुआ तो कल्चरल शो खामोश हो गया। सारे खामोश हो गए। कहीं से कोई आवाज नहीं थी। दोस्त देश यू ए ई की संकृति के सम्मान में सारे भारतीय स्वेच्छा से मौन थे।
मोदी और एमिरेट्स के नेतृत्व के लिए जिंदाबाद के नारे भी खूब लग रहे थे। मानो, मोदीजी का करिश्माई नेतृत्व सब के लिए एक यूनिफाइंग फोर्स बना था। जब मोदीजी ने बताया, कि पहले तीस वर्षों तक कोई भारतीय पी एम वहां नहीं आए थे। मोदीजी दस वर्षों में सात बार यू ए ई पहुंचे। उनके नेतृत्व भी चार बार भारत आए, यह सुनकर सभी बहुत गौरवान्वित हुए।
कुल मिलाकर दोनों देशों के बीच विद्यमान गर्मजोशी दर्शकों में भी दिखाई देती रही। एक पल के लिए भी उत्साह में कमी नहीं आई। मोदीजी का आगमन छह बजकर अड़तालिस मिनट पर हुआ। उनकी एंट्री से स्टेडियम में जोश कई गुना बढ़ गया। गार्ड्स द्वारा सलामी और मीट एंड ग्रीट के बाद वे स्टेज पर आए।
उनका भाषण अब तक आपने अखबारों में पढ़ा होगा ही, टी वी और सोशल मीडिया पर देखा भी होगा। उन्होंने कुछ वाक्य अरबी भाषा में कहे और फिर “यदि कुछ गलती हुई हो तो क्षमा कर देना” ऐसा भी विनम्रता पूर्वक कहा। उन्होंने UAE में रहने वाले हम तमाम भारतीयों पर गर्व का भाव भी प्रकट किया। भारत सरकार की खास उपलब्धियां गिनाई। उनके भाषण से दर्शकों में अच्छा खासा माहौल बन गया। बड़ा अलग मंजर था जब आयु में छोटे से लेकर बड़ा व्यक्ति हर कोई मोदी मोदी के नारे लगा रहा था। श्री मोदी ने एक गाड़ी से स्टेडियम के भीतर चक्कर लगाई और सबको अभिवादन किया। कल का दिन मेरे लिए इसलिए भी खास था क्योंकि श्री मोदी को करीब से देखने साठ और सत्तर वर्षीय बुजुर्गों को मैने स्टैंड में भागते हुए देखा। ये नजारा अजीब सा था और वाकई श्री मोदी की लोकप्रियता का एक अंदाजा लगाने के लिए पर्याप्त है।
किसी भी शहर में किसी स्टेडियम में कार्यक्रम हो तो उस के बाद भारत में अमूमन यातायात की समस्या देखने मिलती है। लेकिन, नियोजन के चलते यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आयोजकों ने पार्किंग की सुविधा 2 से 4 किमी दूर कुछ पॉकेट्स में कर रखी थी। स्टेडियम से आपके पार्किंग लॉट तक ले जाने शटल बसें हाजिर थीं। अतः ट्रैफिक कंजेशन के बगैर हम लोग अपने अपने गंतव्य तक पहुंच गए।
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